समय के काल में खोया हुआ हृदय
निर्झर आँखें, मलिन मन
अँधेरों के आगे की इक वो रौशनी
वो हौसला!!!
विचलित मन, उदास आत्मा
सूना संसार,हर पल कठिनाइयाँ
जिंदगी की उलझने, थका हुआ शरीर
फिर भी मुस्कुराने कीगयी हर एक कोशिश
वो हौसला!!!
ना भाग्य का चमक,
ना अपनों का धमक,
सूनेपन में भी एक स्थिरता की गूँज
वो हौसला!!!
परिवार की जिम्मेदारियाँ,
पैसों का अभाव,
फिर भी मेहनत से सब पूरा करने की लगन,
वो हौसला!!!
खुद को खुद से बेहतर बनाने का आगाज़,
हर दर्द की टीस पे मुस्कुराने का अंदाज,
कभी हार ना मानने का हर वो प्रयास,
वो हौसला!!!
Vry nice poyem
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